नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वह चिकित्सा कर्मियों की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था निश्चित करें. साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश भी दिया गया है कि इन लोगों के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो 24 घंटे में कभी भी आवश्यकता पड़ने पर इन लोगों के लिए उपलब्ध रहे और सहायता करें. ध्यान रहे कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने अब सजा का प्रावधान भी कर दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर आज गृह मंत्रालय के सक्षम अधिकारी ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं. इसके पहले भी गृह मंत्रालय ने मार्च और अप्रैल के महीने में पत्र जारी कर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की रक्षा के लिए समुचित इंतजाम करने को कहा था. इस आदेश के बावजूद स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आई हैं. ऐसे में गृह मंत्रालय का मानना है कि इस समय स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना से पूरे स्वास्थ्य सेवा समुदाय के बीच असुरक्षा की भावना पैदा होने की संभावना है.इस बात को लेकर डॉक्टर एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखे थे और 22 अप्रैल की रात सांकेतिक प्रदर्शन करने को भी कहा था. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ मिलकर डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत की और डॉक्टरों की काम की सराहना करते हुए उनसे अपील की कि वह कोई भी सांकेतिक प्रदर्शन ना करें. सरकार सदैव उनके साथ हैं, जिसके बाद डॉक्टरों ने अपने सांकेतिक प्रदर्शन को वापस ले लिया था.गृह मंत्रालय की आला अधिकारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 8 अप्रैल, 2020 को जारी अपने आदेश में कहा है कि भारत सरकार, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित पुलिस अधिकारियों को अस्पतालों और उन स्थानों पर चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मचारियों को आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए. जहां कोविड‑19 के संदिग्ध, या पुष्ट रूप से संक्रमित या क्वारन्टीन किए गए मरीज रखे गए हैं. इसके अलावा, न्यायालय ने ऐसे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है, जो बीमारी के लक्षणों का पता लगाने के लिए लोगों की जांच करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाते हैं.
गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और जिला अधिकारियों से अधिनियम के प्रावधानों, या लागू किसी भी अन्य कानून के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अधिकृत स्वास्थ्य अधिकारियों, या अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों या संबधित व्यक्तियों को अपनी सेवाएं देने से रोकते हैं.
मंत्रालय ने राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया है कि वे राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों और जिला स्तर पर ऐसे नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जो चिकित्सा पेशेवरों को उनके कामकाज के दौरान सुरक्षा से जुड़े मुद्दे के निवारण के लिए 24x7 उपलब्ध हों. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि हिंसा की कोई भी घटना होने पर इन अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
इसके अलावा, इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से निवेदन किया गया है कि वे चिकित्सा बिरादरी तथा आईएमए की स्थानीय इकाई के बीच उनके लिए किए गए सुरक्षात्मक उपायों, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का व्यापक प्रचार करें. गृह मंत्रालय ने कहा है कि इन उपायों के बारे में आम जनता को भी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि इन सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन जमीनी स्तर पर हो सके.
COVID-19: अमित शाह का सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश, चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें
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