शाहनवाज ने सोनिया पर किया पलटवार, कहा- श्रमिकों से पैसे कांग्रेस शासित राज्यों में वसूले गए

नई दिल्ली। पहले प्रवासियों के पलायन और अब उनकी घर वापसी को लेकर राजनीतिक जंग तीखी हो गई है। कुछ राज्यों में श्रमिकों से रेल टिकट के पैसे वसूले जाने की घटना के बाद जहां कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने इस संवेदनशील विकेट पर सरकार को घेरने की कोशिश की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो श्रमिकों का किराया पार्टी की ओर से भरे जाने का ऐलान कर दिया।

भाजपा ने कहा- जिन राज्यों में श्रमिकों से पैसे वसूले गए हैं वे कांग्रेस शासित और कांग्रेस पोषित राज्य हैं

वहीं भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इसका हास्य उड़ाते हुए आरोप लगाया गया कि जिन तीन राज्यों में श्रमिकों से पैसे वसूले गए हैं वे कांग्रेस शासित और कांग्रेस पोषित राज्य हैं। केंद्र सरकार जो ट्रेन चला रही है उसमें रेल 85 फीसद और संबंधित राज्य 15 फीसद किराया भार वहन कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान, कांग्रेस गठबंधन महाराष्ट्र और कांग्रेस की मानसिकता वाला केरल हैं। यहां श्रमिकों से पैसे वसूले गए हैं। लिहाजा सोनिया गांधी को आरोप लगाने की बजाय जवाब देना चाहिए कि उनके राज्यों में श्रमिकों पर क्यों बोझ डाला जा रहा है।

सरकार विदेशों से भारतीयों को मुफ्त में ला सकती है मगर मजदूरों से किराया वसूला जा रहा: कांग्रेस

सोमवार को सोनिया और राहुल गांधी ने सरकार की घेरेबंदी की। उन्होंने कहा कि सरकार विदेशों से भारतीय नागरिकों को मुफ्त में ला सकती है मगर मुसीबत में फंसे मजदूरों से किराया वसूला जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि रेलवे 151 करोड़ का चंदा पीएम केयर्स फंड में दे सकता है और गुजरात में एक कार्यक्रम के लिए सरकारी खजाने का 100 करोड़ खर्च किया जा सकता है तो फिर आपदा के इस वक्त में मजदूरों को निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती।

सोनिया ने कहा- कांग्रेस श्रमिकों व कामगारों का रेल टिकट खर्च वहन करेगी

सोनिया ने कहा कि इसीलिए कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि सभी राज्यों की कांग्रेस कमेटी की प्रत्येक इकाई हर जरूरतमंद श्रमिकों व कामगारों के घर लौटने के रेल टिकट खर्च का वहन करेगी। सोनिया के इस एलान के बाद कांग्रेस कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने सभी राज्य इकाईयों को इसका पालन करने का निर्देश जारी कर दिया। कांग्रेस के साथ साथ कई दूसरे विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा। बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने भी किराया का भार उठाने का ऐलान कर दिया।

शाहनवाज ने किया पलटवार, कहा- श्रमिकों, गरीबों से ट्रेन का किराया वसूला जाना हास्यास्पद है
दूसरी ओर शाहनवाज ने आंकड़ों के साथ अलग-अलग हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष खुद को बचाने की कोशिश में जुटी हैं। पूरी स्थिति स्पष्ट है। कोरोना महामारी के काल में जनता को राहत देने के लिए सरकार की ओर ले लाखों करोड़ रुपये के पैकेज दिए गए हैं। ऐसे में यह सोचना कि श्रमिकों, गरीबों से ट्रेन का किराया वसूला जाएगा हास्यास्पद है।
कांग्रेस कोरोना संकट काल में राजनीति कर रही है
दरअसल सोनिया और राहुल की कांग्रेस शुरू से इसी मशक्कत में है कि लॉकडाउन की मंशा को ध्वस्त किया जाए। नया आरोप भी इसी मकसद से लगाया गया है। संकट काल में राजनीति की जा रही है। रेल की ओर से तय प्रक्रिया के अनुसार की कई राज्य अपना भुगतान कर रहे हैं, लेकिन तीन राज्यों में ही यह शिकायत आई। क्या सोनिया गांधी को जवाब नहीं देना चाहिए कि राजस्थान ने पैसे क्यों वसूले, महाराष्ट्र में क्यों इसकी शुरूआत हुई। वामदलों को भी बताना चाहिए कि श्रमिकों की बात करने वाली पार्टी की सरकार श्रमिकों को किस तरह चूस रही है। कांग्रेस राजनीतिक मैदान में पूरी तरह पटखनी खा चुकी है तो संकट काल में राजनीति कर लाभ उठाना चाहती है। यह अपराध है।

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