नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर एक ओर जहां देश भर में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को संभालने और इस संकटकाल को अवसर में बदलने के लिए कई राज्य अपने यहां श्रम कानूनों में ढील का ऐलान भी कर रहे हैं. यूपी में भी कुछ रियायतों का ऐलान किया गया है. इन्हीं छूटों के खिलाफ प्रियंका गांधी ने आवाज उठाई है और योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है.
बता दें कि यूपी में नये औद्योगिक निवेश करने एवं पूर्व में स्थापित औद्योगिक प्रतिष्ठानों और कारखानों के लिए श्रम नियमों में 1000 दिन यानी तीन वर्ष की अवधि के लिए अस्थाई छूट की घोषणा की गई थी. प्रियंका गांधी ने इसे तुरंत रद्द करने की मांग रखी है.
शुक्रवार को योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो. आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे. अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो. मजदूर देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं.”
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रबल इच्छा है कि राज्य में अधिक से अधिक निवेश आये और लोगों को बृहद स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त हों. इसी कड़ी में गुरुवार को यूपी के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भारत में जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी और उनके काउंसलर्स तमुका कजीता, रीयोजी फुरउई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया और यूपी में निवेश की अपार संभावनाओें से उन्हें अवगत कराया था.