रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वीआरडी लैब में आरएनए एक्सट्रेशन मशीन पहुंच गई है। इसकी मदद से कोविड‑19 के सैंपल की जांच क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही अगले कुछ दिनों में एक और अत्याधुनिक आरटी-पीसीआर मशीन भी पहुंचने वाली है, जिसकी मदद से लैब की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। एम्स प्रबंधन का कहना है कि वीआरडी लैब में आरएनए एक्स्ट्रेशन अब पूरी तरह से ऑटोमेटिक हो जाएगा। कोविड‑19 की टेस्ट प्रक्रिया के इसी भाग में सबसे अधिक समय लगता था जो अब चार घंटे से कम होकर डेढ़ घंटा रह जाएगा। इसके साथ ही टेक्नीशियन की भूमिका भी इसमें काफी कम है। मशीन के ऑटोमेटिक होने की वजह से मैनुअल इंटरवेंशन कम हो जाएगा। इसकी वजह से कोविड टेस्ट में अब कम समय लगेगा और ज्यादा सैंपल टेस्ट किए जा सकेंगे। फिलहाल, इसमें एक साथ 96 सैंपल टेस्ट हो रहे हैं।
लैब में हो जाएगी चार आरटी-पीसीआर मशीन
वीआरडी लैब में एक और आरटी-पीसीआर मशीन लगाई जाएगी। इससे एम्स में आरटी-पीसीआर की संख्या तीन से बढ़कर चार हो जाएगी। यह मशीन भी अत्याधुनिक है। इसमें एक साथ 96 सैंपल टेस्ट हो सकते हैं। टेस्टिंग में समय भी कम लगता है। एम्स में वर्तमान में प्रतिदिन 1500 टेस्ट हो रहे हैं, जो और अधिक बढ़ जाएगा। एम्स में 24 घंटे सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं।
24 घंटे टेस्ट हो रहे सैंपल
एम्स में 24 घंटे सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। कुछ समय के लिए सैंपल कम भेजने का अनुरोध किया गया था, जिससे बैकलाग खत्म किया जा सके। वर्तमान में बैकलाग कम होने के बाद पुन: सैंपल लिए जा रहे हैं। वीआरडी लैब में क्षमता बढ़ाने के लिए लैब टेक्नीशियन और डाटा एंट्री ऑपरेटर की संख्या भी बढ़ा दी गई है। प्रदेश के किसी भी जिले से सैंपल आने पर उनका टेस्ट करके रिपोर्ट शीघ्र प्रदान की जाएगी।
- डॉ. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर, एम्स, रायपुर