नई दिल्ली, पीटीआइ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चौथी बार पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम उनके आधिकारिक आवास पहुंची। संदेसरा बंधुओं के बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में केंद्रीय एजेंसी की एक तीन सदस्यीय टीम गुजरात से राज्यसभा सांसद के दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट आवास पर सुबह लगभग 11 बजे पहुंची।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार 70 वर्षीय पटेल से आखिरी बार इस मामले के संबंध में 2 जुलाई को पूछताछ की गई थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इडी के जांचकर्ताओं ने तीन सत्रों में उनसे 128 सवाल किए थे। पटेल ने इस दौरान कहा, ‘यह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध और उत्पीड़न है और मुझे नहीं पता कि वे (जांचकर्ता) किसके दबाव में काम कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को बाहर जाने से रोकने के लिए कोरोना वायरस दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (इडी) कार्यालय जाने से इनकार करने के बाद, पटेल से मामले में घर पर पूछताछ करने की अनुमति दी गई। कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष से मामले में 27 जून, 30 जून और 2 जुलाई को पूछताछ हुई। अब तक उनसे लगभग 27 घंटे तक इडी पूछताछ कर चुकी है।
अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस नेता का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जा रहा है। उनसे वडोदरा स्थित स्टर्लिंग बायोटेक दवा कंपनी के प्रवर्तकों सैंडेसरा बंधुओं के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की जा रही है। एजेंसी ने मामले के सिलसिले में पटेल के बेटे फैसल और दामाद इरफान अहमद सिद्दीकी से पिछले साल पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे।
संदेसरा समूह के एक कर्मचारी सुनील यादव के बयान के संदर्भ में दोनों से पूछताछ की गई। इडी को दिए अपने बयान में, यादव ने कहा था कि उन्होंने एक पार्टी के लिए ’10 लाख रुपये खर्च’ किया था, जिसमें फैसल ने भाग लिया था। उनके लिए एक नाइट क्लब में प्रवेश की व्यवस्था की और स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटरों में से एक चेतन संदेसारा के निर्देश पर दिल्ली के खान मार्केट में एक बार उनके ड्राइवर को ‘5 लाख रुपये’ दिए।
मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला कथित रूप से 14,500 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड से संबंधित है, जिसे स्टर्लिंग बायोटेक और इसके मुख्य प्रमोटरों और निदेशकों — नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतनकुमार जयंतीलाल संदेसारा और दीप्ति संदेसारा को जारी किया गया था। ये सभी फरार हैं। नितिन और चेतनकुमार भाई हैं। सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।