अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या में हो सकती है वापसी

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह अमेरिका द्वारा उन विदेशी छात्रों से वीजा वापस लेने के फैसले से चिंतित है, जिनका पाठ्यक्रम पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है। इससे अमेरिका में पढ़ने वाले बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों की वापसी हो सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को एक ऑनलाइन बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के अवर सचिव डेविड हेल के साथ यह मुद्दा उठाया।

भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है प्रतिकूल प्रभाव

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस कदम से हजारों भारतीय छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। अमेरिकी आव्रजन प्राधिकरण ने घोषणा की है कि उन विदेशी छात्रों को देश छोड़ना होगा या उनके सामने निर्वासन का खतरा रहेगा, जिनका विश्वविद्यालय केवल ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था अपनाएगा। श्रीवास्तव ने कहा कि हम इस आशंका से चिंतित हैं। इससे अमेरिका में पढ़ने वाले बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को वापस जाना पड़ सकता है। हमने अपनी चिंताओं से अमेरिकी पक्ष को अवगत करा दिया है।

हमारी चिंताओं से अमेरिका अवगत

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने अमेरिका को बताया है कि दोनों देशों के बीच शैक्षिक आदान‑प्रदान और लोगों के आपसी संबंधों की भूमिका को ध्यान में रखने की आवश्यकता है। उन्होंने संबंधों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिकी पक्ष ने इस संबंध में हमारी चिंताओं पर ध्यान दिया है। श्रीवास्तव ने कहा कि श्रीलंका द्वारा उसके द्वारा मांगी गई कर्ज अदायगी स्थगन पर बातचीत आगे बढ़ रही है और तकनीकी स्तर पर चर्चा चल रही है। कोविड‑19 द्वारा उत्पन्न स्थिति के कारण कोलंबो ने भारत से सभी ऋण अदायगी पर स्थगन का अनुरोध किया है।

कुवैत में प्रवासी कोटा विधेयक पर भी नजर

भारत ने गुरुवार को कहा कि वह कुवैत में प्रस्तावित प्रवासी कोटा विधेयक संबंधी घटनाक्रम पर निकटता से नजर रख रहा है। इस विधेयक के तहत खाड़ी देश में विदेशी कामगारों की संख्या में बड़ी कटौती की बात की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान इस मामले पर चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत में विदेशी कामगारों की संख्या में कटौती संबंधी प्रस्तावित विधेयक यदि कानून बन जाता है, तो करीब आठ लाख भारतीयों को यह खाड़ी देश छोड़ना पड़ सकता है। तेल की कीमतों में गिरावट और कोरोना वायरस महामारी के चलते वहां विदेशी कामगारों का विरोध बढ़ा है।

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