कवर्धा जिले में बड़ी संख्या में किसानों के द्वारा गन्ना का उत्पादन किया जाता है और अभी गन्ने में डालने के लिए खाद की सख्त आवश्यकता है ज्ञात हो कि जिले के 60% से अधिक कृषक सेवा सहकारी समितियो से नगदी ऋण व खाद बीज लेते हैं व दिसंबर माह में धान विक्रय के साथ ही उक्त ऋण की राशि का समायोजन हो जाता है लेकिन समायोजन के चार‑पांच माह बाद भी किसानों को ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया है
मई माह के प्रथम पखवाड़े बीत जाने के बाद भी अभी तक सोसायटीओं में खाद व बीज नहीं पहुंच पाया है और ना ही किसानों को केसीसी के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है
15 जून से संभावित मानसून और कोरोना के और बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अभी से गांव गांव मे खाद व बीज उपलब्ध कराने एवं नगद ऋण की राशि (केसीसी) को डायरेक्ट किसानों के खाते में ट्रांसफर करने ज्ञापन दिया गया
जिला स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा प्रायवेट अस्पतालों को लिखित आदेश जारी कर कोरोना का आयुष्मान कार्ड से इलाज करने निर्देशित किया गया है साथ ही साथ प्रायवेट अस्पतालों में इलाज हेतु दर निर्धारित किया गया है लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशों के विपरीत प्राइवेट अस्पतालों में न तो आयुष्मान कार्ड से इलाज नही किया जा रहा है और न ही शासन द्वारा निर्धारित दर इलाज किया जा रहा है
कबीरधाम जिला को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में ( रायपुर दुर्ग भिलाई) में शासन के गाइडलाइन और निर्धारित दर पर प्रायवेट अस्पतालों में इलाज और नियंत्रण हेतु अधिकारियों को नोडल प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है लेकिन कबीरधाम जिले में अभी तक प्राइवेट अस्पतालों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति नही किये जाने से गरीब व्यक्ति ऊंची दर इलाज कराने मजबूर हो रहे है
उक्त विषयों के निराकरण हेतु आज जिलाधीश को आवेदन दिया गया