सुपर बाजार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में सी-मार्ट शुरू किया गया है, जहां गांव के देसी उत्पादों की बिक्री होती है।
रायपुर। राजधानीवासियों को सी-मार्ट में बस्तर के महुए से बना बिस्किट, लड्डू, चाकलेट तो वहीं जशपुर का काजू काफी पसंद आ रहा है। छत्तीसगढ़ के गांवों में हुए उत्पादों की बिक्री के लिए रायपुर के सुभाष स्टेडियम में खोले गए सी-मार्ट में भीड़ उमड़ रही है। यहां पर स्वसहायता समूहों, बुनकरों, कुंभकारों और कुटीर उद्योगों से करीब 180 प्रकार के उत्पादों से करीब 20 से 25 हजार रुपये की बिक्री रोजाना हो रही है। इसमें महुआ के उत्पाद और काजू की सबसे ज्यादा डिमांड है। बतादें कि सुपर बाजार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में सी-मार्ट शुरू किया गया है, जहां गांव के देसी उत्पादों की बिक्री होती है।
सी-मार्ट में राजधानवासियों के बेहतर प्रतिसाद को देखते हुए जिला पंचायत की तरफ से सी-मार्ट की एक और शाखा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोड़ने की नई पहल शासन‑प्रशासन द्वारा की गई है। जिला प्रशासन की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वसहायता समूहों से जोड़कर कई तरह के उत्पाद तैयार कराए जा रहे हैं। उनके सामान की बिक्री के लिए सी-मार्ट एक बेहतर प्लेटफार्म साबित हो रहा है।
शहर में आसानी से उपलब्ध हो रहा गांव का उत्पाद
राजधानी में सी-मार्ट खुलने से गांव का बेहतर उत्पाद शहर के लोगों तक आसानी से उपलब्ध हो रहा है। सी- मार्ट में गोठानों में तैयार किए गए साबुन, फिनायल के साथ ही गांव में ढेकी से कूटा चावल, कच्ची घानी से निकाला गया शुद्ध सरसों और तिल, कोदो, कुटकी, मक्का के साथ इमली, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, आंवला, शहद, रागी कोदो का नूडल्स, पास्ता, पापड़ और मशरूम का प्रोटिन पावडर मिल रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण स्त्रियों द्वारा तैयार फूल और छीर के झाड़ू, बांस की डलिया, खिलौने, चमड़े का सामान, कोसा, सिल्क और लकड़ी के उत्पाद उपलब्ध हैं।
180 से ज्यादा मिल रहा सामान
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार सी- मार्ट में तकरीबन 180 से अधिक उत्पाद उपलब्ध हैं। वर्तमान में राजधानी के सुभाष स्टेडियम में इसकी शुरुआत की गई है।
रायपुर जिला पंचायत के सीईओ मयंक चतुर्वेदी ने कहा, सुभाष स्टेडियम में सी-मार्ट खोला गया है। इसमें राजधानीवासियों का बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। एक ही छत के नीचे राजधानी के लोगों को शुद्ध सामान मिल रहा है। एक दिन में करीब 20 से 25 हजार रुपये की बिक्री हो रही है।